विचित्र अद्बभुत अविश्वसनीय अकल्पनीय
क ल फुर्सत के वक़्त , बिटिया के संग जब साझा की पुरानी कृतियाँ कुछ पूरी, कुछ अधूरी कुछ कही कुछ अनकही दे गयी मेरी आँखों में पानी और बिटिया की आँखों में हैरानी वह हँस कर बोली , सही किया मम्मी , जो तुमने लिखना कम कर दिया... इस से पहले की में कुछ कहती उसके ...