याद
      ज़िन्दगी में उदासी हर ओर सिमट आई है  मन के आकाश में दुखों कि घटा छाई है   ऐसे में तेरी याद है कि बिजली तड़प.  या फिर सो कर जागते दर्द की अंगड़ाई है   रात सोती है चुप.. जागते हैं सितारे लेकिन  कोई  जाने न  तड़पते हैं दिल के मारे लेकिन..   अरमान सूख चुके हैं,बाकि उमंगें भी नही    सभी के दर्द को अपना लिये लेती हूं  प्यार के नाम पे ये ज़हर पीये लेती हूं   जलाए देती हूं बाकि सब रोशनी के लिये  बहार आये तो कांटों में जीये लेती हूं